Dog Story in Hindi - एक सड़क छाप कुत्ते की कहानी |

Dog Story in Hindi - एक सड़क छाप कुत्ते की कहानी |

हेल्लो दोस्तों मेरा नाम कालू है और मैं (Dog Story in Hindi) एक सड़क छाप कुत्ता हु। मेरे रहने और खाने-पिने का कोई ठिकाना नहीं था। कभी मैं इस गली कभी उस गली ऐसे घूमता-फिरता रहता था।


Dog Story in Hindi



मुझे ऐसे लगता की भगवान ने मुझ पर बहुत बेरहमी की है। मैं हमेशा दूसरे कुत्तो को देखता रहता था की, उनकी जिंदगी कितनी अच्छी है और साली अपनी जिंदगी तो गैरगुजरि। मुझे नहाना बिलकुल पसंत नहीं था। फिर भी न जाने कोण साला चार महीनो तक लगादार मुझ पर पानी डालता रहता था।

ऊपर से पानी बरसने से मैं किसी के घर, आंगन जहा सिर छिपाने की जगह मिल जाये वह घुस जाता था। पर क्या करे मेरा नसीब वह भी मुझे धोका दे जाता। जहा मैं आसरा लेता वही से भी लोग मुझे भगा देते।

Dog Story in Hindi - Sadak Chaap Doggy in Hindi Kahani

मेरा दुःख - Dog Story in Hindi

आज मैं गली-गली घूम रहा था। बरसात का पानी मुझ पर बरस रहा था क्यों की मैं छे-सात महीने से नाहया नहीं था इसी लिए ओ मुझे जहा देखता पानी डाल देता। इस वजह से मैं एक छोटी सी जगह ढूंढ कर वह चुप-चाप बैठ गया। थोड़ी देर बाद मेरे सामने एक बहुत लम्बी सी गाड़ी आ कर रुकी।

मैं उस गाड़ी की और बड़े ही प्यार से देखने लगा मन मैं ऐसा ख्याल आया की उस गाड़ी के पास जाऊ और उसके पिछले टायर के ऊपर थोड़ा-सा सु-सु कर के आउ। लेकिन बरसात इतनी जोर से हो रही थी की उस जगह से बहार निकलने की हिम्मत ही हुई नहीं।

कुछ पलो मैं गाड़ी का मालिक गाड़ी से बहार आया और छाता खोल के दरवाजे के पास खड़ा हो कर बोल रहा था। (Dog Story in Hindi) सूजी कम ऑन बेबी। मुझे लगा उसकी बेटी होगी पर जब सूजी बाहर आई तब मैं देखता ही रह गया।

सूजी और कोई नहीं मेरी ही बिरादरी की थी। तब मुझे भगवान पर बहुत ग़ुस्सा आया। मैं सोचने लगा की भगवान किसी-किसी को क्या देदे भरोसा नहीं और मुझे देखो एक छोटी सी जगह ढूढ़ने मैं कितनी मेहनत करनी पड़ती है।

Doggy Stories जीवन का बदलाव

मेरे जीवन मैं मैंने बहुत मुश्किलें देखि है। हमारा जीवन बहुत ही बेकार है। मैं एक सड़क चाप कुत्ता हु। मेरा काम गाड़ी ओ पीछे भागना, रात मैं कोई इंसान दिख जाये तो उसके ऊपर भोकना और कोई मन में दुःख हो तो जोर-जोर से रोना यही मेरी जिंदगी थी।

हमारे जैसे सड़क छाप कुत्ते जहा जगह मिल जाये वह सो जाते है। खाने को मिला तो ठीक नहीं तो पानी पिकर पेट भर लिया करते थे।

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रात होते ही हमारी मस्ती चालू हो जाती। मेरे जैसे और भी कई कुत्ते थे। हम सब रात को मस्ती करते और दिन मैं सो जाते। (Dog Story in Hindi) यह हमारा रोज का काम था। कभी कभी दुःख होता की भगवान ने हमें वैसे वाली जिंदगी क्यों नहीं दी पर कहते है ना जिसको जो मिला है उसमें खुश रहना सीखो।


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नसीब का खेल

एक दिन हम सभी रोज की तरह खेल रहे थे। उस दिन हमें खाने के लिए किसी भी एक घर से कुछ भी नहीं मिला था। इसी लिए हम सभी अपना ध्यान खाने से हटा कर खेलने मैं लगा दिया था।

थोड़ी देर बाद एक छोटी कार हमसे थोड़ी दूर आ कार रुकी हम सब उस कार के ऊपर भोकने लगे। क्यों की हमें मजा आता था। उस कार से एक मोटा-सा आदमी एक लकड़ी ले कर बाहर निकला हमें लगा की ये आदमी हमें इस लकड़ी से हमें मरेगा पर ऐसा कुछ नहीं हुवा

उस आदमी साथ एक औरत और उसका एक छोटा - सा बच्चा निकला उस औरत के हाथ मैं दो थैली थी उसमें बहुत सारा खाना था शायद। (Dog Story in Hindi) हमें लगा ये लोग गरीबो को खाना देने आये होंगे पर ऐसा कुछ नहीं हुवा। उस आदमी ने अपने हाथ की लकड़ी फेक दी और हमारी और बढ़ने लगा।

हम समझ गए की ये खाना हमारे लिए है। इसी लिए हमने भोकना बंद कर दिया और अपनी दुम हिलाने लगे। उस आदमीने हमें पेट भर खाना खिलाया और वहासे चला गया। लेकिन हर दिन ओ आदमी हमारे लिए खाना लाने लगा।

भगवान भी किसी ना किसी रूप में आके हार जरुरत मंद की मदत करता है। उस समय हमारा भगवान ओ अनजान आदमी ही था।

दोस्तों तो ये थी मेरी कहानी

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