Dosti Story | सुख-दुःख में साथ देने वाला दोस्त |

पुराणी दोस्ती - Dosti Story - सुख-दुःख में साथ देने वाला दोस्त

अगर (Dosti Story) हम लोग १९५० के सधी में गए तो उस वक़्त की, मित्रता बहुत ही अटूट थी। क्यों की, पुराने लोगो को किसी बात का अभिमान यानि की, गर्व नहीं था। उनोने कभी ऐसा नहीं कहा की, मेरे पास तो बहुत पैसा है। तुम्हारे पास क्या है। इसी लिए पुराने लोगो की, मित्रता अटूट रहती थी।

Dosti Story



इन पुराने लोगो के मन में पैसो का कभी फालतु खयाल नहीं आता था। १९५५ साल में ऐसा देखा गया की, लड़को - लड़को की, लड़की - लड़कियों की, ऐसी मैत्री थी। उस मैत्री में प्रेम था। लगाव और जिव्हाळा था। ये तो हो गई पुराने ज़माने की, मैत्री की, थोड़ी सी जानकारी। और उनमे लगाव।

दोस्त पाने की कोशिश - Dosti Story in Hindi

अब हम (Dosti Story) देखेंगे की, कलियुग में सच्चा मित्र बनाने के लिए कितना प्रयास करना पड़ता है। एक शहर में एक मिडल क्लास परिवार रहता था। उस परिवार में माँ ,दो बहिने और उनका प्यारा भाई। ऐसा उनका परिवार था। पर उन बच्चो के ऊपर बाप का साया नहीं था।

स्कूल का अच्छा बच्चा

जो कुछ था ओ सिर्फ माँ। बेटे का नाम अजय, लड़की का कादंबरी और जया। अजय ये बच्चा था इसी लिए बहुत ही मस्ती खोर था। अजय ने अपनी कॉलनी के सारे लड़को - लड़कियों को अपना दोस्त बना लिया था। अजय का ऐसा स्वभाव था की, उसके बिना कोई रह नहीं पता। अब अजय स्कूल जाने लगा।

अजय को किसी को भी दोस्त बनाने की (Dosti Story) आदत थी। छोटा होने की, वजह से अजय की, बड़ी बहन जया। अजय को स्कूल छोड़ने आती थी। स्कूल में अजय के टीचर अजय के बहुत केअर करते थे। जैसे जैसे अजय बड़ा होने लगा उसी तरह लोगो की, नियत कैसी होती है।


ये समज आने लगी। इसी लिए अजयने प्यार से मित्र बनाने का प्रयास करने लगा। इस प्यारे से स्वाभाव से टीचर को अजय का कोमल सा चेहरा पसंत था। अजय थोड़ा बड़ा होने के बाद अजय से एक आकाश नाम के लड़के ने दोस्ती की, अजय और आकाश एक ही कॉलनी में रहते थे।

दोस्त बनाने की चाहत - Sachi Dosti Story in Hindi

पर दो साल (Dosti Story) में ही आकाश के पिता की, दूसरी जगह बदली हो गई। इसी वजहसे अजय आकाश की, दोस्ती अधूरी रह जाती है। अजय जिस किसीसे दोस्ती करता ओ बुरा और व्यसनाधीन होता। पर एक दिन अजय को लगा की, लड़िकिया तो व्यसनाधीन नहीं रहती।

इसी लिए अजय ने क्लास में ही निशा नाम की, लड़की से दोस्ती कर ली। पर दूसरे लड़को ने अजय और निशा की, दोस्ती का बुरा अर्थ लगा के उनकी दोस्ती तोड़ दी। कुछ साल बाद अजय ने एसएससी बोर्ड की, एक्साम पास की, और कॉलेज में एडमिशन लिया।

कॉलज की (Dosti Story) लाइफ अजय के जीवन में नए नए रंग लेके आई। पर अजय को कॉलेज लाइफ में भी अच्छा मित्र मिला नहीं। और कुछ मिले तो ओ भी बुरे। इसी लिए अजय कहता है की, दोस्त लड़का हो या लड़की। पर उनमे अच्छे गुण होने चाहिए। आपका कोई दोस्त दुःखी हो तो हमको उसका दुःख कम करना चाहिए।

सुख-दुःख में साथ देने वाला दोस्त - Dosti Story Hindi

इस को ही सच्चे (Dosti Story) दोस्त के सुख दुःख कहते है। दोस्त अपने सुख दुःख में हमारे साथ होना चाहिए। एक दूसरे की परिशानी में साथ देनी चाहिए। उसकी परिशानी में उसकी मदद करनी चाहिए। साथ में कोई खेल खेलना चाहिए। एक थाली में खाना खाना चाहिए। और इतना ही नहीं तो बड़े होने के बाद साथ में बिजनेस करना चाहिए। इसको ही अच्छे दोस्त की पहचान होती है।

दोस्त गरीब हो या आमिर। दोस्त दोस्त होता है। दोस्ती लड़के लड़कियों में भी हो सकती है। ऐसा नहीं की उनके बिच प्यार के अलावा दूसरा कुछ हो नहीं सकता। अजय को बाद में आकाश की बहुत याद आने लगी। क्योंकी, अजय को कॉलेज में दोस्त तो मिले पर ओ लोग सुख दुःख बाटने के आलावा लड़कियों के बारे में बोलते रहते थे। इसी लिए अजय दुःखी रहने लगा। पर एक दिन अजय को पता चला की, आकाश फिर आने वाला है।

इस वजह से (Dosti Story) अजय बहुत खुश होता है। और उसके दूसरे दिन आकाश ने अजय को ख़ुशी का झटका दिया। इस प्रकार अजय को बहुत ही परिश्रम के बाद अच्छे और सच्चे दोस्त की दोस्ती मिली। और ऐसा दोस्त मिला की, उसके अंदर सब अच्छे गुण थे। आपको ही अच्छा दोस्त चाहिए तो आप आपके दोस्त के मन की, बात सुने ओ कैसा है। ये आपको पता चल जायेगा।

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