Ganpati aur Chuha ki Kahani | इंसानों की असली वृत्ति |

भगवान की बाते - Ganpati aur Chuha ki Kahani

एक दिन की बात थी! गणपति बप्पाने अपने प्रिय वाहन उंदीर मामा को बुलाके पूछा, हरी, तुम कभी इंसानो की, दुनिया में रहते! तो तुम क्या करते! तभी हरी बड़ी उत्साह में बोलता है की, पृथ्वी तो ब्रम्हदेव की बहुत बड़ी देन है! ऐसी सुन्दर पृथ्वीपर जाने का तो मेरा सौभाग्य होगा! और इंसान भी प्रभु आपकी तरह दयाळू और प्यारे होंगे! ये सुन के गणपति बाप्पा हसने लगे!और बोले हरी तुम तो बहुत भोले हो ...!

Ganpati aur Chuha ki Kahani



इतना बोलके गणपति बाप्पा वहा से चले जाते है! बाद में गणपति बाप्पा के मन में एक युक्ति आती है! ओ रहती है हरी की, परीक्षा लेने की, और इंसानो के बस्ती में भेजनी की, अगली सुबहे गणपति बाप्पाने हरी बुलाके बोला की, हरी तुम्हे इंसानो के बस्ती में जाना है! इतना सुनते ही, हरी बहुत खुश हो जाता है! और सभी देवी-देवताओ के आशीर्वाद लेने उनके दरबार में पहोच जाता है!

आशीर्वाद लेने बाद ओ, अदृश्य हो जाता है! हरी का सफर बहुत बड़े जंगल से शुरू होता है! हरी जंगल में भटक रहा था की, उतने में उसको कासाव मिलता है! और उस कासाव की, वजसे और कुछ जानवर उसे मिल जाते है! जैसे की, हरिण, ससा, मेंढक ऐसे कुछ जानवर मिल जाते है!

पृथ्वीवासी का जीवन - Ganpati aur Chuha ki Story in Hindi

पर हरी को ये मालूम नहीं रहता की, शाकाहारी जानवरो के साथ-साथ मासाहारी जानवर भी इस जंगल में रहते है! जैसे जैसे एक-एक दिन जा रहा था! वैसे वैसे हरी अपना जीवन जी रहा था! एक दिन हरी मस्त हो के घूम रहा था! उसी वक़्त अचानक विचित्र जानवर हरी के सामने आ जाता है! ये देख हरी घबरा जाता है! और डर के मारे अपनी जान लेके भागने लगता है!

भागते भागते हरी एक पेड़ निचे आराम करने लगता है! उसके बाद हरी के साथ ऐसा बार बार होने लगता है! इसी लिए हरी बहुत घबरा जाता है! और एक पेड़ की छाव में बैठ के सोचने लगता है! की, आज में गणपति बाप्पा के चरणों में रहता तो मुझे इधर उधर भटकना ना पड़ता!


दूसरे दिन की सुबहे हरी सो के उठा ! सुबहे की,ठंडी हवाओ में हरी को, बहुत प्रसन्नता हुई! बात में ५-१० मिनिट में हरी को इंसानो का आभास होता है! हरी थोड़ा नजदीक जा के देखता है! तो उसे कुछ इंसान चन्दन और कुछ कीमती पेड़ो को काट के ट्रको में भर रहे थे! उनका काम कुछ १५ से २५ मिनिट तक चला !

इंसानों की असली वृत्ति - गणपति और चूहे की कहानी

इंसानो को देख कर हरी सोचता है की, जंगलो में तो बहुत हिंसक जानवर रहते है! उनकी वजह से मेरी जान जाते जाते बच गई है! इसी लिए हरी इंसानो के साथ निकल जाने का फेसला करता है! पर बिचारे हरी को क्या मालूम की, जानवर तो अपना पेट पालने के लिए एक दूसरे का शिकार करते है! पर इंसान अपने स्वार्थ के लिए एक दूसरे का खून तक कर डालते है!

हरी अब इंसानो की वस्ति में आके रहने लगा था! इंसानो का हसना, बोलना देख हरी को भगवान की, अद्भुत दुनिया बहुत अच्छी लगी! एक दिन हरी चलते चलते एक घर में चला गया, कुछ दिन बात हरी को पता चला की, ये परिवार तो बहुत गरीब है! जहा पर दो बच्चे, उनके माँ-बाप और उन बच्चो के आजी-आजोबा ऐसा उनका परिवार था! एक दिन १२-१ बजे की बात थी, उसी वक्त उसी घर की, औरत उसका नाम सुमन उसका पति रमेश आता है! और जोर जोर से दरवाजा ठोकने लगता है!

सुमन के दरवाजा खोलते ही, रमेश बोलता है! की, कहा मर गई थी! कबसे दरवाजा पे था में, आवाज सुनाई नहीं देती क्या तुम को! ये देख हरी को बहुत दुःख होता है! और गणपति बाप्पासे विनती करता है की, इस परिवार को दुःख मत देना, उनको हमेश खुश रखना!उसके बाद हरी को इंसानो का स्वभाव,बर्ताव, चल-चलन समज आने लगा! हरी को उस घर के बच्चे रोटी के टुकड़े डालते थे! उनके आजी-आजोबा उंदीर मामा की, मजेदार कहानी बताते थे! (Ganpati aur Chuha ki Kahani) ये सब हरी को स्वर्ग जैसा सुख लग रहा था! अभी हरी को दूसरी जगह जा कर वह का अनुभव करना था! इसी लिए हरी वह से जाने का फेसला करता है! मगर जाने से पाहिले हरी उस परिवार को कुछ सोने के टुकड़े दे कर, वहा चला जाता है!

हरी का असलियत में सामना - Ganpati aur Chuha ki Kahani

हरी वहा से निकलने के बाद ऐसे इंसान के घर आता है! जहा उसे लगता है की, जैसे किसी जानवर के घर आ गया! क्यों की, उस घर में ओ आदमी भगवान की, जगह पैसो की, ज्यादा पूजा करता था! इसी कारण से हरी वहा रहने का मन बना लेता है! १५-२० दिन रहने के बाद हरी ने उस इंसान जैसा दूसरा इंसान देखा नहीं! क्यों की, उस आदमी को जो चीज चाहिए और ओ ना मिले तो ओ किसी भी हद तक जा सकता था !

एक दिन खाना खाते समय उस आदमी को पता चला की, मेरे घर में एक चूहा है! तो ओ उसे मरने के लिए पुराने-नए तरीके आजमाने लगा! पर हरी वहसे भी बच के निकल जाता था! पर हरी को क्या मालूम ओ २१ के सदी का आदमी है! ओ आसानी से अपनी हार कैसे माने गा !

इंसान तो एक जानवर से भी खतरनाक है! एक दिन उस आदमीने कुछ खाने के पदार्थ रखे! पर हरी को क्या मालूम की, उस खाने में जहर मिला हुआ है! इधर हरी का भूक के मारे बुरा हाल था! इसी लिए हरिने बिना कुछ सोचे समझे ओ चीज खा लिया! और हरी उसी जगह मर गया!

हरी की सिख - कहानी की सबसे बड़ी सिख :_

इस दुनिया से जाने से पाहिले हरिने इंसानोसे एक बात कही है की, अभी तो में जा रहा हु। पर आपके पास कोई भी जानवर हो उसे प्यार से रखिये, उसका ख्याल रखिये। फिर ओ कोनसा भी जानवर हो। उनके आशीर्वाद से आपके घर में कोई आपदा नहीं आएगी! आपका घर खुशिओ से भर जायेगा। इतना बोलते ही हरी अपनी जान छोड़ देता है!

जब हरी गणपति बाप्पा के दरबार में पोहचते है! तब गणपति बाप्पा हरी को कहते है! कैसे हो हरी कैसा था, तुम्हारा सफर; तब हरी गणपति बाप्पा को सब कुछ बताता है, क्या क्या हुआ! तब गणपति बाप्पा कहते है की, देवो ने तो धरती को पावन और निर्मल बनाया था! पर इंसानो के पापो की वजह से धरती भी पापी हो रही है!

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