Matlabi Insan || The Crime of Humans - मनुष्यो का अपराध

मनुष्यो का अपराध - Matlabi Insan

भारत देश में लगभग Matlabi Insan लगभग १३० कोटी के आसपास जनसंख्या है ! परंतु अभी आप ही बताई है इस जनसंख्या की, कोई आवश्यकता है क्या? नहीं ना! हा एक इस्तेमाल हो सकता है! अगर कोई देश हमारे देश पर हमला कर दे, तो इस जनसंख्या की आवश्यकता पड़ सकती है! पर ये सब जाने दीजिये!

Matlabi Insan



इंसानो के अपराध इतने है की, उसे भगवन भी माफ नहीं कर सकता! इंसानो को जितना भी मिलता है! उससे इंसान खुश नहीं रहता Matlabi Insan क्योकि इंसानो को जीने के लिए ! जितना चाहिए! उतना तो उसे मिलता है! पर उतने में ओ खुश नहीं रहता क्यों की, उसकी भूख इतनी बढ़ गई है की, ओ कभी ख़त्म नहीं होती.

The Crime of Humans - Insan in Hindi

इसी Matlabi Insan लिए ओ पैसो के पीछे भागता रहता है! और भागते भागते एक दिन मिट्टी मै मिल जाता है! फिर ओ पैसो का! क्या फायदा? इंसान अपने स्वार्थ के लिए ! घने जंगलो को काटते है! और वही पर आठ-दस महीने बाद बड़ी-बड़ी इमारते, बंगले देखने को मिलते है!

इंसानी नियत - Kitna Badal Gaya Insan

पर Matlabi Insan बेघर हुए जानवर उसी घरो मै आते है तो इंसान घबराके या हड़बड़ी मै हतियार, लाठी लेकर जानवरो मारने निकल पड़ते है! अभी आप ही इंसानियत के खातिर सोच के देखिए की, हम लोग जानवरो के घर बर्बाद कर देते है! और वही पर आपने खुद के घर बनाके रहने लगते है! कुछ दिन बात वही बेघर हुए जानवर उसी जगह आते है!

जहा हमने अपना घर बनाया होता है! और वही जानवर हमारे परिवारों को नुकसान पोहचने का प्रयास करते है! तो हम लोग डरते क्यों है! जब हम जानवरो को मरते है! हमें कुछ महसूस नहीं होता, पर किसी जानवर ने हमारे बच्चो को खा लिया तो हमरे अंदर क्रोध की, ज्वाला भड़क जाती है! और हम उस जानवर को मारने के लिए बन्दुक, लाठिया लेकर उसके पीछे भागते है ऐसा क्यों?



इंसानोने बड़े बड़े जंगलो को पूरी तरह बरबात कर डाला और वही छोटे छोटे वृक्ष को भी आपने पाव तले कुचल डाला. प्यार भगवान ने दिई हुई सबसे अनमोल चीज है! परंतु इंसानोने पैसो को ही भगवान मान लिया है! और खुद को खतरे में डाल दिया, पैसा ही सब कुछ है! उससे सब कुछ मिल जाता है!

हम Matlabi Insan लोग जो धन दौलत इतनी मेहनत से कमाते है! वही एक दिन कोई चोर, डाकू लूटके चले जाते है! फिर उस पैसो क्या फयदा है! उसी जगह पर हम लोग, लोगो को प्यार देते, सम्मान देते तो , ओ मान सम्मान हमसे कोई छीन नहीं सकता ! और लोग भी हमसे प्यार से रहने लगते! और यह प्यार हमसे कोई चोरी भी नहीं कर सकता!

सही गलत का निर्णय - Insan

भारत Matlabi Insan देश में चोरी,बलात्कार,खून ऐसी हिंसाए अनेक भागो में हो रही है! ऐसी हिंसाए करने वालो को लगता है की, हम ही सही है! ऐसे लोगो तो फसी पर चढ़ा देना चहिए ! जीने के लिए आये हो तो प्यार से रहो ना ! अगर प्यार ना हो तो जीवन में कुछ भी नहीं ! भारत के हर इंसान ने प्रेम भाषा समज ली ना तो फिर भारत में कही भी, और कभी भी हिंसा नहीं होगी!

आज हम कही भी चले जाये ! हमें हिंसा दिखाई देती है! हिंसा कहा नहीं है! हिंसा हमें घरो-घरो में समाजो में, यातक दुनिया में फैली हुई है! आज भाई-भाई के काम नहीं आता, माँ - बेटीमे, सांस- बहु वाला सिन चल रहा है! पति-पत्नी को एक दूसरे पर विश्वास रहा नहीं

यही कुछ छोटे मोटे अपराध हम इंसानो के है!

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