NATURE MY FRIEND - मनुष्य के जीवन का मूल्य निसर्ग

Nature My Friend - दोस्ती का अर्थ

Nature My Friend निसर्ग को हम लोग सिर्फ निबंध के माध्यम से ही दोस्त मानते है! निसर्ग हमें क्या-क्या देता है! ये हम लोग भूल गए है! क्यों की हम लोग पैसो के लालसाने और सपनो के आधीन हो के हम लोग अच्छे अच्छे वृक्ष बिना सोचे समझे उन्हें तोड़ देते है!


NATURE MY FRIEND



फल-फूल आने वाली वृक्ष हमें निष्कृष्ट दर्ज की लगती है! वृक्ष की लकडिया हमारे घर के लिए लगती है! जैसे की, गांव में चूल्हे, बंब और भी कई कारणों के लिए वृक्ष की लकिड़या लग जाती है! कभी कबार हमारे घर में इंधन ख़तम हो जाता है तो हम लोग लकड़ियों का इस्तेमाल करते है!

इसी वजह से वृक्ष कटाई होती है! Nature My Friend यही सवाल किसी व्यक्ति पूछा तो ओ लोग अपना ज्ञान बताने बैठ जाते है! जैसे की, हमारे कारन से थोड़ी वृक्ष कटाई होती है! दुनिया में हजारो लोग है! परिवार है! उनको लकडिया नहीं लगती क्या? वृक्ष की लकडिया तोड़ने वाले हम लोग ही नहीं बल्कि दुनिया के हजारो लोग है!

फिर आप लोग हमें क्यों भाषण दे रहे हो, ये कोई भाषण की बात नहीं ! क्यों की, कोई भी अच्छी शुरवात किसी एक व्यक्ति से ही होती है! अच्छे वृक्ष की कटाई बड़े पैमाने में होती है! कोई अपने घर बनवाने के लिए करता है तो कोई किसी और चीजों के लिए इस्तेमाल करता है!

मनुष्य के जीवन का मूल्य निसर्ग - Essay on Nature my Friend

Nature My Friend निसर्ग हमारा गुलाम नहीं बल्कि हमारे जीवन का एक हिस्सा है! निसर्ग के सुन्दर सुष्ट्री को ऐसे ही काटते गए तो हमे अंत में क्या मिलेगा ! एक बार हमें अपने मन को पूछना चाहिए ! फिर हम देखेंगे की हमरे मन की भावना कितनी प्रभाव शाली है!

मेरे जीवन पंधरा सालो में मेने निसर्ग को जो कुछ समझा है! मुझे लगता है! की, मेरे आलावा कोई और नहीं समझा होगा! निसर्ग और मेरी दोस्ती आज से पंधरा साल पुराणी है! एक दिन सुबह सुबह घूमने के लिए गया था! रास्ते में एक सुन्दर सा फूल सुबह की, किरण से अंगड़ाई ले रहा था!

उस फूल की अंगड़ाई लेने से ऐसे लग रहा था की, जैसे आदमी अपने जीवन जीता है, वैसे ही ये फूल अपने जीवन की Nature My Friend परिभाषा समाज कर जी रहा था! उस फूल की एक नवलाई दिख रही थी! जब भी में उस फूल को हाथ लगाता तभी ओ कोमल फूल अपनी सब पंखुडिया अपने आप में समा जाती थी! उस फूल के ऐसे लज्जा के हावभाव से ऐसा लगता था की, जैसे की, हम अपने प्रेमी को कुछ ऐसी बाते बताते है की, ओ लज्जासे शर्मसार हो जाती है!

Word Nature Day - निसर्ग से प्यार करना सीखें

वैसे ही ओ फूल हो रहा था! फूल ये लज्जा का प्रतिक है, और प्यार का भी Nature My Friend निसर्ग ने हमें प्यार करना सिखाया है! फिर ओ गुणवन्ता निसर्ग में क्यों ना हो! निसर्ग में रहने की इच्छा बहुत सारे लोगो की क्यों ना होगी ! समजिये हम लोग एक वृक्ष के निचे सोए हुए है! तो हमे कैसे लगे गा ! मार्च,अप्रिल के गर्मी के महीने में दसवीं और बारवी के एग्जाम में निसर्ग की जो कुछ मदत हमे होती है |

ओ किसी और समज में नहीं आएगा ! दसवीं के एग्जाम में कुछ लोग कॉपी पोहचाने की कोशिश कर रहे है! पर हम सभी दोस्त पेड़ की छाव में आराम से बर्फ का गोला खा रहे थे ! बर्फ का गोले का स्वाद और वृक्ष की छाव में ऐसा आनंद आ रहा था की, ओ आप लोगो को शब्दों में हम लोग बयान नहीं कर सकते!

गर्मी की हवा जब हमारे शरीर को जला रही थी! तब पेड़ की हवा हमारे जलते शरीर को ठंडा कर रहा था! ओ दिन हमारा बहुत अच्छा था! निसर्ग को हम लोग कुछ भी नहीं मानते! जब हम लोग कॉलेज में थे! तब हम कुछ दोस्त जंगल में कुछ वृक्ष की जानकारी जमा करने गए थे Nature My Friend वृक्ष की बात आते ही मुझे अच्छा लगता था! और उनकी जानकारी जमा करने में मुझे आनंद आता है! निसर्ग में सभी सुष्ट्री समायी हुयी है!

पेड़-पौधों का बोलना - Bolne Wala Ped

जैसे की, पशु , पक्षी, सभी प्रकार के जानवर, वृक्ष, फूल ये सभी निसर्ग में आते है! कॉलजे के सभी दोस्तों को वनसम्पदा के बारे में जानकारी चाहिए थी! इसी लिए सभी दोस्त लोग सुबह चार-साढ़े चार बजे उठकर नहा-धो कर कॉलेज के ग्राऊंड पर जमा हो कर बैठ गए थे!

Nisarg Mera Dost

आजु-बाजू की बड़े बड़े वृक्ष जैसे हमे कुछ बोल रहे हो! पर बेजुबान को क्या कहे ! तभी हवा का झोका आया और पेड़ के पत्तो की खनकनाट Nature My Friend हसी सुनाई दी और पशु पक्षी की चिव चिवट सुनके हमें बहुत ही आनंद आया और पेड़ो की बेजुबान भाषा भी हमे समज में आने लगी ! सुबह के स्वछ वातावरण में पेड़ो ने और पशु-पक्षिओ ने जैसे हमारा स्वागत किया!


पेड़ हमें फल, फूल तो देते है! पर उसके उपरांत ओ हमे महत्त्व पूर्ण मतलब ऑक्सीजन भी देता है! उस से हमारे जीवन की गाड़ी चल रही है! निसर्ग जगह जगह हमारी मदत करता है पर कभी बोल के नहीं दिखता! उसी जगह अगर कोई इंसान रहता तो एक बार मदत करता और दस गॉवो में ढोल बजाके आ जाता!

निसर्ग से हमें मिलने वाली बहुमूल्य चीजे

मुझे तो इंसानो से ज्यादा तो ये पेड़ पौधे ही अच्छे लगते है Nature My Friend इसी लिए जीवन में मैंने इन को ही अपना मित्र बना लिया! कॉलेज के वनपरीक्षण में सभी मित्रो ने आप अपनी राय दी! उसमे में भी था ! तो मेने भी अपने भीतर की भावना को सभी के सामने रख दिया!

निसर्ग से हमे बहुत कुछ मिल जाता है! उनसे हमें शुद्ध हवा, पानी, फूल, फल, ऐसी बहुत सी चीजे मिल जाती है! पेड़ो से फायदा होता है तो उनकी हानि करके! निसर्ग को कोई इतना महत्व नहीं देता! बस एक काम करते है! रोड के आजु-बाजू में, रिक्शा के पीछे और बच्चो के रैली में एक ही नारा लगाते है! पेड़ लगावो, पेड़ बचाओ।

NATURE MY FRIEND

Nature My Friend ये नारा हम लोग जोर-जोर से लगते है! पर असलियत में कोई करता है क्या? पर कुछ हमरे बंधू ऐसे है की, सच में इस मोहिम को सच कर देते है! पर्वत के किसी सटीक जगह पर कोई फूल या पौधा अपने जीवन का संघर्ष करता है! उस सटीक जगह पर ना पानी रहता है! ना मिट्टी फिर भी ओ अपना जीवन जीने की कोशिश करता है! उससे मुझे तो एक सिख मिल गई!

परिश्रम करना सीखे

आप लोगो को मिली या नहीं ये मुझे पता नहीं Nature My Friend जिस तरह एक छोटा-सा पौधा सटीक जगह में अपना जीवन शुरू करता है! ओ भी कठिन परिस्थिति ओ में, तो फिर में भी मेहनत करके इस दुनिया में छाप क्यों ना छोड़ू! निसर्ग को फायदे की नजर से मत देखो उसको तो हमे अपना एक कोई मित्र है ऐसा समझना चाहिए! निसर्ग हमें कभी ना कभी कुछ ना कुछ देता रहता है! इसी लिए जीवन निसर्ग जैसा कोई एक मित्र तो होना ही चाहिए!

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