Sher Chuha ki Kahani | शेर और चूहे की अनोखी कहानी |

Sher Chuha ki Kahani | शेर और चूहे की अनोखी कहानी |

बहुत पुराने समय की बात है, एक घने जंगल में एक बड़ा और भयानक शेर रहता था। वह अपने राज्य में राज करता था और सभी जानवर उसके डर से घबराते थे। शेर के आस-पास किसी भी जानवर का दिल डर से धड़कता हुआ मिलता था।

Sher Chuha ki Kahani


एक दिन, एक छोटे से गाँव में एक छोटी सी चूहा रहता था। वह बहुत ही चतुर और होशियार था। (Sher Chuha ki Kahani) की खबरें सुनकर भी डर नहीं लगता था, बल्कि उसमें उत्साह था कि वह कुछ कर सकता है।

चूहे का तरकीब

एक दिन, चूहे का बहुत मित्र उसके पास आया और उससे बोला, "बहने, तुझे नहीं लगता कि हमें शेर से बचने का कोई तरीका ढूंढना चाहिए?"

चूहे ने मुस्कराते हुए कहा, "हां, बिल्कुल! मुझे एक योजना आया है। हमें शेर के सामने अपनी छाया को बड़ा और डरावना दिखाना चाहिए।"

दोनों चूहे ने मिलकर योजना बनाया। वे रात के समय शेर के आस-पास घूमने लगे और बड़ी खौफनाक आवाज़ में चीखने लगे। शेर डरकर भाग जाता था, क्योंकि उसे लगता था कि एक और बड़ा और ताकदवर शेर आया है।

हुशियार होने का फायदा

ऐसा कुछ दिन चलता रहा। शेर की मानसिकता बिल्कुल बिगड़ गई थी। उसका खाने पीने का स्वाद भी गायब हो गया था। वह दिन-रात डरता रहता था।

एक दिन, जब शेर फिर से वह डरावनी आवाज़ सुनने के लिए बाहर निकला, तो उसने देखा कि वो दो चूहे ही थे जो उसके सामने खड़े थे। शेर ने उन्हें पकड़ने की कोशिश की, लेकिन वे चूहे तेज़ दौड़कर बच गए।

चूहों की यह होशियारी और साहस ने शेर की ताकद को तोड़ दिया और उन्होंने उसे अपने डर से आजाद कर दिया। (Sher Chuha ki Kahani) शेर ने उस दिन समझ लिया कि डर से किसी को नहीं हारना चाहिए और होशियारी से काम लेना चाहिए।


इस घटना के बाद से, शेर ने डर को पीछे छोड़कर खुद को मजबूत बनाने का निर्णय लिया। चूहों ने उसको एक महत्वपूर्ण सिख दिलाई कि साहस, होशियारी, और सामर्थ्य से हर मुश्किल को पार किया जा सकता है।

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