Speaking Tree in Hindi | बोलने वाला पेड़ का रहस्य |

पेड़ो की क्रांति - Speaking Tree in Hindi

बरसो (Speaking Tree in Hindi) पहिले भारत देश में बहुत सारी वनस्पति, बड़े बड़े वृक्ष होते थे! पर दुनिया की बढ़ती हुई लोकसंख्याने वृक्षों की, संख्या घटा दी। भारत देश में बहुत पहिले जंगलो का राज था ! सब कुछ हरा हरा था! याने की, सब तरफ ग्रीन प्लेनेट था। पर बढ़ती हुई लोकसंख्या के कारन ग्रीन प्लैनेट नष्ट होने लगा!

Speaking Tree in Hindi


बोलने वाला पेड़ का रहस्य - Speaking Tree Articles

इस कारन (Speaking Tree in Hindi) लोग भारी संख्या में बीमार होने लगे। और बीमारी के रस्ते पर सारे लोग चलने लगे। पहिले लोग बीमार होते तो वैद बुलाके लाते थे! और वैद जी वनस्पति के द्वारा औषदी दवा बनाते थे! कुछ घंटो में आदमी रोग मुक्त हो कर अच्छेसे सास ले सकते थे!

पर आज के युग में हम कभी बीमार पड़ जाते है, तो हम डॉक्टर के पास जाते है ! दवा दारू करते है। पर हमें ठीक होने में लगभग-लगभग ४-५ दिन लग जाते है! आज की दवा में उतना दम नहीं है ! पहिले की,वनस्पति थोड़ी सी कड़वी थी पर असर करने में सबसे कालगर थी।

बहुत पहिले की बात है! ऋषि मुनि आयुर्वेद को एक वरदान,आशीर्वाद मानते थे! क्यों की, आयु अर्थात आयुष्य और र्वेद का मतलब दीर्घकाल (long life) आयुर्वेद में आदमी बहुत स्वस्थ और सदृढ़ जीता था। पर आज के कलियुग में कब कहा हो जाये ये कोई नहीं जानता।

इससे हम सब वाकिफ है! Speaking Tree in Hindi  इ.स. १९१० की, ये अनोखी कहानी है। एक बहुत बड़ा जंगल था! उस जंगल में एक आदिवासी परिवार अपना गुजरा करते थे! "उस आदिवासी परिवार के साथ; जंगल की साथ और जंगल के जानवरो की दोस्ती" इस रिश्ते के साथ वो आदिवासी अपना जीवन जी रहे थे! एक-एक दिन जा रहा था! वैसे ही वहा के जानवरो की, प्रशंसा हो रही थी!

इसी वजह से उस जंगल में पर्यटकों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ने लगी। इन पर्यटकों की वजह से आदिवासी लोगो को एक नया पेट भरने का सहारा मिल गया था। पर आदिवासी लोगो को क्या मालूम था की; इन पर्यटकों में से एक आदमी ऐसा निकले गा, की इन जंगलो के लिए एक अभिशाप होगा ! उस आदमीने जंगल के कोने कोने की, अच्छी तरह से जांच कर ली। वो एक व्यापारी था ! इसी लिए उसने सरकार को बहुत सारे पैसो का लालच दिया।

पेड़ो का दुःख - Best Speaking Tree Articles

कुछ दिनों (Speaking Tree in Hindi) तक सरकार और व्यापारी के बिच बात चित चली और एक दिन ! सरकारी लोगोने पैसो की, लालच में पूरा जंगल बेच दिया। व्यापारी को जंगल लेने का एक ही मकसद था की, इस जंगल को तोड़के हाइटेक सिटी बनाने का! एक दिन हवाओ के झोके में रहने वाला जंगल शांत और उदास था।

सब एक दूसरे से बात कर रहे थे की, अब हम मरने वाले है! इंसान सिर्फ अपने बारे में सोचता है! उसको लगता है की, हमारे शरीर में ही जान है! बाकि सब मरे हुए! जैसे उनके शरीर में जान ही नहीं। इंसान हमारे बारे कब सोचेगा ! उनमे से एक पेड़ बोलता है की, जब हम सब मर जायेंगे।

तब सब इंसानो (Speaking Tree in Hindi) को बिना ऑक्सीजन के तड़प-तड़प के मरते हुए में देख नहीं पाउँगा। बस मुझे इसका दुःख है। इंसान ये भूल चूका है की, ८०% प्रतिशद बीमारी पेड़ों की, वजह से दूर होती है। क्यों की, पेड़ो की वजह से इंसानो को शुद्ध हवा, पानी और धुप से बचने के लिए हमारी छाव।

प्रतिज्ञा करे - Speaking Tree in Hindi

जब इंसान हमें काटते है तो हमें कितना दर्द होता है। ये इंसान कभी नहीं सोचता; हां उसको कोई मारे तो वो उसका प्रतिशोद तुरंत ले लेता है, क्यों की उसके पास हात, पैर है; इसी लिए। हमारे पास हात नहीं, पैर नहीं या तक हमारे पास जबान भी नहीं। तो हम हमारा दुःख, परेशानी किसको बताये। हाम सब भारत वासिओ ने अपने घर के सामने एक भी पेड़ लगाया ना तो, हम बीमारी को कम से कम २०% तक कम कर सकते है।

"एक घर, एक पेड़" ऐसी प्रतिज्ञा की, तो हमारा देश फिर से हरितक्रांति की, और बढ़ेगा! जो लोग पेड़ो को काट रहे है। उनके खिलाफ हम भारत वासी आवाज उठाएंगे! जानवर और पेड़ एक दूसरे के इतने गहरे दोस्त है की, इसकी मिसाल कोई नहीं दे सकता। जब बन्दर, साप, चिम्पांजी ऐसे कई और पशु पक्षी (Speaking Tree in Hindi) जानवर जब पेड़ो से खेलते है तो जंगल का खुशिओ का ठिकाना नहीं रहता। पेड़ो से हमें बहुत कुछ मिल जाता है। इसी लिए हम आज एक प्रण लेते है। पेड़ लगाओ, पेड़ बचाओ ये मोहिम हम सब मिलकर करे। इस से हमें शायद नया जीवन दान मिल जाये।


" जय हिन्द जय भारत "

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