Maa ki Kahani - माँ का अस्तित्व

माँ का अस्तित्व - Maa ki Kahani

माँ Maa ki Kahani का जीवन ये एक कहानी है। पर ये एक शक्ति है। त्वमेव माता च त्वमेव पिता त्वमेव, त्वमेव बधुश्री;सखा त्वमेव। त्वमेव विद्या; द्रविणय त्वमेव, त्वमेव सर्व मम देव देव। इसका अर्थ ऐसा है की, हे देवाधि देवो तुम ही मेरी माता, तुम ही मेरे पिता, तुम ही मेर भाई, तुम ही मेरे मित्र, तुम ही विद्या, तुम ही धन और तुम ही मेरे सर्वस्व है। ये तो हम कितनी बार कहते है। और कितनी बार तो साधु संत के प्रवचन में हमें बताया जाता है।

Maa ki Kahani


Mother Existence - Maa

हमारे Maa ki Kahani में से ही कितने लोग अपनी माँ को ही अपना जीवन मान लेते है। क्यों की, हमारी माँ हमरा बहुत ही प्यार से ही ख्याल रखती है। गलती करने पर पिता जैसा गुस्सा करती है। पर भाई जैसा क्या गलती की है। ये भी बताती है। कई बार तो हमारा मित्र बनके हमारे साथ खेलती है।

विद्या और धन का अर्थ भी बड़े प्यार से समजाती है। इस प्रकार हमारी माँ हमें समजाती है। इसी लिए मेने भगवान का स्थान अपनी माँ को ही दे दिया। ये एक कहानी नहीं है। बल्कि एक सिख है। जिन लड़के-लड़कियों को अपनी माँ प्यार मिलता है। ओ लोग अपनी माँ के प्यार को समजते नहीं है। और उसे ओ लात मर देते है।

माँ ना होने का ऐसास - Meri Maa ke Barabar Koi Nahi

पर Maa ki Kahani जिन लड़के-लड़कियों को माँ की परछाई भी देखने को नसीब नहीं होती। उन बच्चो की, हालत कैसी होती है। ऐसी ही ये कहानी है। इस में आपको समज में आ जायेगा की, माँ क्या है। एक शहर में वैसे तो करोडो लोग रहते है। पर इन दो लड़को की,कहानी थोड़ी अलग ही थी।

उन दो लड़को नाम था। एक का मनीष और दूसरे का राहुल। इन दोनों की लाइफ वैसे तो बहुत अच्छी चल रही थी। पर राहुल ये चार साल का ही था तभी उसके माता पिता एक हवाई दुर्घटना में मर गए। इस वजह से राहुल की, सभी जिम्मेदारी उसके काका-काकू ऊपर आ गई।

राहुल Maa ki Kahani उसके काका-काकू के घर रहने लगा। और मनीष उसके माता-पिता के साथ। राहुल और मनीष दोनों स्कूल साथ जाते और आते। जैसे-जैसे वक़्त बदलता गया। वैसे वैसे राहुल और मनीष बड़े होने लगे। जब राहुल छोटा था। तो राहुल की, काकू (आंटी ) राहुल को छोटी छोटी काम करने को देती थी। पर अभी राहुल बड़ा हो गया था।

बिन माँ-बाप के बच्चे - Maa in Hindi

इस Maa ki Kahani वजह से राहुल की काकू राहुल को बड़ी और भारीभरकम काम देने लगी। एक दिन राहुल के मन में आया की, काकू को भी लड़का लड़की है। उनको ओ काम क्यों नहीं देती। ये बात राहुल बोलता तो काका-काकू उसे बहुत मारते। इसी वजह से राहुल की, बात उसके दिल में ही रह गई। और चुप चाप काम करने लगा।


जिस प्रकार वक़्त बदलता गया। उसी बदलते वक़्त के नुसार राहुल को, अपने माता-पिता की, याद सताने लगी। रात होने के बाद राहुल सोचता है की, आज मेरे माता-पिता रहते तो, ओ कभी मुझे मरते नहीं। पर काका-काकू मुझे तो मेरी गलती ना होने पर भी मरते है।

इस प्रकार राहुल अपने जीवन को दोष देने लगा। इधर मनीष अपने Maa ki Kahani माँ -बाप के साथ ख़ुशी के साथ जी रहा था। कभी कबार मनीष ने गलती की तो मनीष के पापा उसके उपर हाथ उठाते थे। पर मनीष माँ उनको भी रोक लेती थी। मनीष के पापा को ब्लड कॅन्सर था। ये बात उनोने कभी मनीष और उसकी माँ को बताई नहीं।

मनीष के पापा का देहांत - Maa Tujhe Salaam

Maa ki Kahani पर कई महीनो के बाद बहुत ही तकलीफ होने लगी। तब उन्होंने सब बाते घर वोलो को बता दी। ये बात सुनते ही मनीष माँ बहुत रोने लगी। तब मनीष पापा कहते है की, मनीष माँ रोने से क्या होगा। कुछ बात करने के बाद। मनीष और उसकी माँ चले जाते है।

दूसरे ही दिन मनीष के पापा का देहांत हो जाता है। दो-तीन महीने बाद सब जिम्मेदारी मनीष के माँ पर आ गई। दो -तीन साल बीत जाने के बाद। मनीष और उसकी माँ ख़ुशी में जीवन जीने लगे। क्यों की, मनीष की माँ लोगो के घर में झाड़ू-कटका, बर्तन-कपडे धोने का काम करने लगी थी। ये काम करने का एक ही उद्देश्य था की, मनीष को अच्छा प्रकार की, शिक्षा दे सके।

मनीष की माँ ने कभी मनीष को दुःख का अहसास होने नहीं दिया। Maa ki Kahani घर में खाने के लिए थोड़ा सा भी रहा तो मनीष की, मनीष को खिलाके खुद पानी पी कर सो जाती थी। पर माँ की, इस आदत से मनीष बहुत दुःखी था। ऐसे करते करते बहुत साल हो गए। मनीष ने अपनी पूरी पढाई कर ली थी। मनीष ने पढाई में नंबर एक की पादौनोत्ती की थी।

मनीष की तरक़्क़ी - Meri Maa

इसी Maa ki Kahani वजह से मनीष को ऑल इन इंडिया कम्पनी से बहुत बड़ी नौकरी की, ऑफर आई। इस वजह से मनीष और उसकी माँ को बहुत ख़ुशी मिली। मनीष ने पूरी दुनिया में नाम कमाया और मनीष बिजनेस में एक नामवंत बिजनेस म्यान बन के आगे आया।

उसके बाद कोने-कोनेसे मनीष को नए नए बिजनेस की ऑफर आने लगी। ये देख मनीष की, माँ को बहुत अच्छा लगा। और ख़ुशी होने लगी। इस सबका श्रेय ओ अपने माँ को देता था। इधर राहुल शहर का गुंडा बन चूका था। जिसकी एक ही वजह थी।

माँ बाप होने और ना होने का असर - Meri Maa Mera Rab

जिन Maa ki Kahani बच्चो के सर से माँ-बाप का साया नहीं रहता उनका क्या होता है। जिन बच्चो के साथ माँ-बाप रहते है। अच्छे संस्कार देते है। उन बच्चो कभी बुरा या। ओ बच्चे गलत रस्ते पे नहीं जाते। इस से तो आपको समज में आ गया होगा की, माँ का जीवन और उसका अस्तित्व क्या होता है।

हमें माँ का प्यार, उसकी करुणा, उसकी माया मिले तो हम मनीष की तरह नामवंत बिजनेस म्यान बन सकते है। नहीं तो राहुल की,तरह एक डाकू, चोर की, तरह दुनिया में नाम कामएंगे । अभी आप ही सोचिये की, राहुल को अगर माँ की, ममता मिलती ओ चोर, डाकू बनता?

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