Short Moral Story in Hindi || 17 Best Moral Story in Hindi for Kids 2024 ||

Short Moral Story in Hindi || 17 Best Moral Story in Hindi for Kids 2024 ||

१. गाय और बछड़े की कहानी: सजगता की महत्वपूर्णता

Short Moral Story in Hindi बहुत समय पहले की बात है, एक गाँव में एक बड़ी समृद्धि से भरपूर गाय रहती थी। उसकी देखभाल गाँव के किसान करते थे। गाय के बछड़े भी खेत में खेलते और मजे करते थे।

Short Moral Story in Hindi



एक दिन, गाय ने गाँव के बछड़ों से कहा, "मेरे प्यारे बच्चों, मैं तुम्हें एक महत्वपूर्ण सिख देना चाहती हूँ। जिंदगी में सफलता पाने के लिए सजग रहना बहुत जरूरी है।"

बछड़े ने आवाज़ में खिलखिलाहट के साथ कहा, "माँ, हम सब तो खेत में खेलते और आराम से सोते हैं। सजग रहने की क्या जरूरत है?"

गाय ने मुस्कराते हुए कहा, "बिल्कुल बच्चों, तुम्हें खेत में खेलने का अधिक समय मिलेगा, लेकिन तुम्हें भी सजग रहना सीखना होगा। अगर तुम सजग नहीं रहोगे तो कोई आपका फायदा उठा सकता है।"

दिनेश, गाँव का एक बुद्धिमान युवक, इस बात को सुन रहा था। उसने बच्चों को बुलाया और उनसे समझाया कि उनकी माँ सबकुछ सही कह रही है। moral story in hindi

दिनेश ने बच्चों के साथ खेत में खेलते समय उन्हें सिखाया कि वे किस प्रकार से सजग रह सकते हैं। उन्होंने उन्हें दिखाया कि कैसे खेत की देखभाल करनी है और कैसे अपने काम में ध्यान देना है।

बच्चों ने दिनेश की सिख पर ध्यान दिया और उन्होंने अपने काम को सजगता से किया। वे समय पर खेत में पहुँचते और अपने काम में मन लगाते थे।

कुछ समय बाद, गाँव में एक बड़ा संघटन हुआ। एक बुरे आदमी ने गाय के बछड़ों को छुड़वाने की कोशिश की। लेकिन बच्चे ने अपनी सजगता और हिम्मत से उस आदमी को भगाया।

इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि सजगता और समय पर ध्यान देना कितना महत्वपूर्ण है। चाहे हम कितने भी सुरक्षित और सुखी क्यों न हो, हमें हमेशा सजग रहने की आदत बनानी चाहिए। इससे हम आने वाली मुश्किलातों का सामना करने में सहायता पा सकते हैं।

२. बंदर और मगरमच्छ की कहानी


Short Moral Story in Hindi एक बार की बात है, एक जंगल में एक बंदर और एक मगरमच्छ रहते थे। वे एक-दूसरे से दोस्त थे और हमेशा साथ में खेलते रहते थे। परंतु बंदर की बुरी आदत थी कि वह बिना सोचे-समझे बातों में पड़ जाता था और कई बार बिना सोचे ही अपने दोस्त को परेशान कर देता था।

एक दिन, मगरमच्छ ने बंदर से कहा, "यार तुझमें यह बुरी आदत होनी चाहिए। तू बिना सोचे-समझे बातें करके मुझे और अन्य किसी को परेशान कर देता है।"

बंदर ने मुस्कराते हुए जवाब दिया, "अच्छा, कुछ भी तो नहीं होता। हम तो फिर भी दोस्त हैं ना।"

मगरमच्छ ने थोड़ी चिंता की अंधाधुंध कर दिल की गहराइयों में और उसने बंदर से कहा, "देख, यह तो गलत है। एक दिन तू किसी की भीड़ में गया और बिना सोचे कुछ ऐसा बोल दिया जिससे सबका मन खराब हो गया। तब तूने देखा कि तू ने जो कहा वह वापस नहीं ले सकता और न ही सबको खुश देख सकता। तू बस मजाक में कह रहा था, पर उसका परिणाम तूने देखा। अब सोच, अगर हम बचपन से एक-दूसरे को समझाते तो शायद यह सब नहीं होता।"

बंदर ने गहरी सोच कर उसकी बातों को समझा और उसने अपनी आदतों को सुधारने का निर्णय लिया। उसने मगरमच्छ से माफी मांगी और वादा किया कि वह अब से सोच-समझकर ही बातें करेगा।

इसके बाद, बंदर ने अपनी आदतों को बदला और उसने देखा कि उसके दोस्तों के साथ संबंध भी मजबूत हो गए और सभी खुश रहते थे। उसकी यह कदर उसके दोस्तों ने की और उन्होंने उसे एक अच्छे दोस्त की पहचान में मदद की।

इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि हमें अपनी आदतों को समय-समय पर समीक्षा करनी चाहिए और बुरी आदतों को सुधारने का प्रयास करना चाहिए। बिना सोचे-समझे बातें करने से हम अपने दोस्तों और परिवार के साथीयों को परेशान कर सकते हैं, इसलिए हमें सच्चे और मानवीय संबंध बनाने की कोशिश करनी चाहिए।

३. बुद्धिमान खरगोश और आलसी कछुआ


Short Moral Story in Hindi एक जंगल में एक बुद्धिमान खरगोश और एक आलसी कछुआ रहते थे। खरगोश हमेशा तेजी से दौड़ता और खेत में घास खाकर वापस आ जाता, जबकि कछुआ धीरे-धीरे चलता और धिरज से अपने घर में आता।

एक दिन, खरगोश ने कछुआ से कहा, "आप बहुत आलसी हो! आपको देखकर तो मुझे हंसी आती है।"

कछुआ धीरे से उत्तर दिया, "आप तो तेज़ दौड़ने के लिए जाने जाने वाले हो, लेकिन कई बार आप ध्यान नहीं देते। अक्सर आपके पांवों में चोट आती है क्योंकि आप बिना सोचे-समझे दौड़ते हैं।"

खरगोश ने हँसकर कहा, "आपकी बातों का मुझे कोई असर नहीं पड़ता। मैं अब भी तेज़ दौड़ सकता हूँ और आप तो अब भी धीरे-धीरे चलते हैं।" moral story in hindi

एक दिन, जब खरगोश फिर बाग़ खेत में दौड़ रहा था, वह अचानक एक गड्ढे में गिर गया और चोट आ गई। वह आगे नहीं बढ़ सका। उसने कछुआ की सलाह की याद दिलाई, और धीरे-धीरे अपने घर की ओर बढ़ने लगा।

कछुआ ने देखा कि खरगोश बहुत मेहनत करके आ रहा है और उसकी मदद करने के लिए उसके पास गया। कछुआ ने खरगोश को अपनी पीठ पर बिठाया और उसे अपने घर तक पहुँचाया।

इसके बाद, खरगोश ने कछुआ से माफी मांगी और उसकी सलाह की महत्वपूर्णता समझी। इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि तेज़ी तो महत्वपूर्ण है, लेकिन समय समय पर सोच-समझकर काम करना भी बहुत महत्वपूर्ण है।

मोरल: "तेज़ी से दौड़ने से पहले सोचो-समझो!"

४. बन्दर और मगरमच्छ की कहानी


Short Moral Story in Hindi एक गांव में बहुत सारे जानवर रहते थे। वहाँ एक बड़ा सा झील भी था, जिसमें कई मगरमच्छ बसे थे। उन मगरमच्छों की अपनी एक खासियत थी - वे हमेशा मुसीबत में पड़े होते और फिर अपने साथी जानवरों से मदद मांगते रहते।

गांव के पास एक बड़ा पेड़ खड़ा था, जिस पर एक बड़ा सा बेल लगा हुआ था। उस बेल पर बहुत सारे रसगुल्ले लटके हुए थे। वह रसगुल्ले गांव के सभी जानवरों के लिए बहुत आकर्षक दिखते थे।

एक दिन, एक बंदर उस पेड़ के पास आया। उसने रसगुल्लों को देखा और उन्हें चखने का मन किया। लेकिन उसके पास पहुँचने के लिए बेल पर कूदना पड़ता था, और यह बंदर तो तो मिनटों में उस पेड़ पर पहुँच गया। बंदर ने रसगुल्ले खाना शुरू किया और मजे से खाते रहे।

तभी एक मगरमच्छ वहाँ पास से गुजर रहा था। उसने देखा कि बंदर खुशी खुशी रसगुल्ले खा रहा है। मगरमच्छ ने बंदर से पूछा, "बंदर भैया, क्या ये रसगुल्ले आपके लिए हैं?"

बंदर ने मुस्कराते हुए जवाब दिया, "नहीं भैया, ये रसगुल्ले तो सभी के लिए हैं।"

मगरमच्छ ने गमगीन अंदाज में कहा, "ये तो ठीक है, पर आपको यह नहीं भूलना चाहिए कि आपकी खुशियाँ आपके स्वार्थ के लिए दूसरों के साथ बाँटने से ही बढ़ती हैं।"

बंदर ने मगरमच्छ के बातों को गहराई से समझा और उसने अपने खाने के रसगुल्लों का एक हिस्सा मगरमच्छ को दे दिया। मगरमच्छ ने आभार दिखाया और उसने बंदर की मदद की जब बंदर अगली बार किसी मुसीबत में पड़ा।

इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि हमें अपने स्वार्थ के साथ-साथ दूसरों की भलाई के लिए भी सोचना चाहिए। हमारी खुशियाँ उसी में बसती हैं जब हम अपने आस-पास के लोगों की मदद करते हैं और उनके साथ खुशियाँ बाँटते हैं।

५. दोस्ती की महत्वपूर्ण सिख

Short Moral Story in Hindi एक समय की बात है, एक छोटे से गाँव में दो बच्चे रहते थे, रामु और श्यामु। वे बचपन से ही अच्छे दोस्त थे। वे दोनों साथ में खेलते, पढ़ते और मिल-जुलकर बड़े होते गए।

एक दिन, रामु ने एक नई खिलौनी खरीदी और उसके साथ खेलने लगा। वह खिलौना बहुत ही रोमांचक और दिलचस्प था। श्यामु ने भी उस खिलौने को देखकर खेलने की इच्छा जताई, लेकिन रामु ने उसे खेलने नहीं दिया। वह केवल अपने साथी से ही खेलना चाहता था।

धीरे-धीरे इस बात का असर श्यामु पर दिखने लगा। वह खुद को अकेला महसूस करने लगा और उसकी आत्मा में उदासीनता आ गई। वह बार-बार रामु के पास जाकर उसे खिलौने में खेलने की विनती करता, परंतु रामु ने उसकी बातों को नजरअंदाज किया।

कुछ दिनों बाद, रामु एक दिन खेलने के बाद अपने घर को वापस जा रहा था, जब उसकी आंखों में आंसू थे। श्यामु ने उससे पूछा, "रामु, तुम इतने उदास क्यों हो?" moral story in hindi

रामु ने अपने दोस्त को सब कुछ बता दिया, कि खिलौने के साथ खेलने के बावजूद उसने कभी अच्छा महसूस नहीं किया और उसे अपने दोस्त की महत्वपूर्णता का आभास हो गया है।

श्यामु ने गहरी सोच कर कहा, "रामु, हमारी दोस्ती ही हमारे जीवन की सबसे अमूल्य चीज़ है। हमें दिखता है कि खिलौने के बदले में हमारे साथी की खो दी गई दोस्ती हमें अच्छा नहीं लगता।"

रामु ने श्यामु की बातों को सुनकर अपनी गलती समझी और उसने अपने दोस्त के साथ खेलना शुरू किया। उनकी दोस्ती फिर से मजबूत हो गई और वे दोनों खुशी-खुशी एक साथ खेलते रहे।

मोरल: इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि दोस्ती किसी भी खिलौने से ज्यादा महत्वपूर्ण होती है। हमें दूसरों की महत्वपूर्णता को समझना चाहिए और उनके साथ सच्ची और मजबूत दोस्ती बनाए रखनी चाहिए।

६. बच्चों की मनमोहक कहानी: "दोस्ती की महत्व"

Short Moral Story in Hindi बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गाँव में दो अच्छे दोस्त रहते थे। उनका नाम राजू और सुनील था। वे दोनों हमेशा साथ खेलते और पढ़ाई के बाद समय बिताते थे।

एक दिन, राजू ने सुनील से कहा, "सुनील, मैंने सुना है कि दुनिया के दूसरे किनारे पर बड़ी-बड़ी ख़बरें होती हैं। क्या हम नहीं जा सकते वहाँ और देख सकते हैं?"

सुनील ने हंसते हुए कहा, "राजू, तू पागल है क्या? वहाँ जाना कितना मुश्किल हो सकता है, हमारे पास तो नाव भी नहीं है!"

राजू ने कुछ दिनों तक सोचा और फिर उसने सुनील से कहा, "तू जानता है, सुनील, मैं यह सोचकर परेशान हूँ कि हम क्या खो सकते हैं? अगर हम किसी नये जगह पर जाकर नए दोस्त बना सकते हैं तो?"

सुनील ने सोचा और फिर मुस्कराते हुए कहा, "ठीक है, राजू, हम यह कोशिश कर सकते हैं। पर हमें सावधानी से काम लेना होगा।"

उन्होंने एक छोटी सी नाव बनाई और समुंदर की यात्रा पर निकल पड़े। उनकी यात्रा में कई दिन लगे, पर वे हाथ में हाथ डालकर सामुंद्रिक यात्रा करते रहे।

अंत में, उन्होंने एक नये देश की खोज की और वहाँ पहुँचे। वहाँ पर उन्होंने नए लोगों से मिलकर दोस्ती की और नए अनुभवों का आनंद उठाया।

एक दिन, जब वे वापस आ रहे थे, तो उनकी नाव में एक छेद हो गया। वे बहुत परेशान हो गए क्योंकि नाव डूबने लगी थी। तब उनके नए दोस्त आकर मदद करने लगे और उन्होंने साथ मिलकर नाव को बचाया।

राजू और सुनील ने समझा कि वास्तव में दोस्ती की महत्वपूर्णता क्या होती है। वे समझ गए कि सफलता और आनंद केवल नए स्थानों में नहीं, बल्कि सच्चे और विश्वासपूर्ण दोस्तों में भी होते हैं।

इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि जीवन में हमें नए अनुभवों का स्वागत करना चाहिए, पर अपने पुराने और सच्चे दोस्तों को कभी न भूलना चाहिए। दोस्ती ही एक ऐसा रिश्ता होता है जो हमें हर मुश्किल में साथ देता है और हमें जीवन में ख़ुशी और समृद्धि की दिशा में मदद करता है।

७. बूढ़ा आदमी

Short Moral Story in Hindi दोस्तों, यह कहानी एक छोटे से गांव की है, जहाँ एक बूढ़े व्यक्ति नामकरण करने के लिए जा रहा था। उसने अपने गांव के बच्चों को एक उपहार देने का निर्णय लिया। उसने सोचा कि वह उन बच्चों को एक सिक्का देगा जिन्होंने सबसे अच्छा नाम सोचकर उसे बताया।

सब बच्चे खुशी खुशी अपने-अपने नाम सोचने लगे। वे अपने नाम के साथ-साथ बड़ी खुशियों की उम्मीद से भरपूर थे। लेकिन एक बच्चा, राजू, थोड़ा उदास दिखता था। बड़े बूढ़े ने राजू से पूछा, "बेटा, तुम खुश क्यों नहीं दिख रहे?"

राजू ने मुस्कुराते हुए कहा, "दादा जी, मुझे यकीन है कि मेरा नाम सबसे अच्छा होगा, लेकिन मैं चाहता हूँ कि सभी बच्चे जीतने में खुश रहें, नाम जीतने में।" moral story in hindi

बूढ़े ने राजू के उत्तर को सुनकर विचार किया और फिर उन्होंने निर्णय लिया कि वे बच्चों को सिक्के की बजाय उनके साथ एक अच्छी सिख देंगे।

नामकरण के दिन, सभी बच्चे अपने-अपने नामों को बता रहे थे और सब लोग उनकी तारीफ कर रहे थे। आखिरकार राजू की बारी आई। लोगों ने राजू की तरफ देखकर उनकी उम्मीदें बढ़ा दी थी। लेकिन राजू ने अपना हाथ ऊपर उठाया और कहा, "मेरा नाम नहीं जीता, परंतु सबकी खुशियाँ जीत गईं।"

सभी लोग राजू की ओर देखकर उसके बड़े सा समझ गए कि उसने कितना बड़ा निर्णय लिया है। वे समझ गए कि सफलता सिर्फ नाम में नहीं, बल्कि आपकी सोच और आपके कार्यों में है।

इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि हमें सिर्फ प्रतियोगिता में नहीं, बल्कि खुशियों की समृद्धि में भी सफल होना चाहिए। आपकी सफलता आपके नाम से ज्यादा आपके विचार और कार्यों पर निर्भर करती है।

८. दिलचस्प सिख - ईमानदार लकड़हारा

Short Moral Story in Hindi बहुत समय पहले की बात है, एक गाँव में एक छोटे से लकड़हारे का नाम रामू था। वह हमेशा मेहनती और ईमानदार रहता था। रामू का काम था लकड़ी काटना और उसे गाँव में बेचना।

एक दिन, उसके पास एक खास लकड़ी आई। वह लकड़ी बहुत ही सुंदर और मजबूत थी। रामू ने उस लकड़ी को काटने का निश्चय किया। लेकिन जब उसने उस लकड़ी को काटा, उसमें एक छोटी सी चिड़ीया के बच्चे का घर बना हुआ था। रामू का दिल दुख गया क्योंकि उसने उस चिड़ीया के बच्चों की ज़िंदगी को खतरे में डाल दिया था।

रामू ने तुरंत लकड़ी को छोड़ दिया और उस चिड़ीया के बच्चों की मदद की। वहने उन्हें एक सुरक्षित स्थान पर ले जाकर उनका ध्यान रखने लगा। उसने उन्हें खाना देना शुरू किया और उनकी मां की तरह उनकी देखभाल करने लगा।

कुछ सप्ताहों बाद, चिड़ीया के बच्चे सभी ठीक हो गए और वे अपनी मां के साथ उड़ने को तैयार थे। चिड़ीया का दिल रामू की ईमानदारी और दयालुता पर लाखों की तरह गर्म हो गया।

एक दिन, चिड़ीया ने रामू के पास आकर कहा, "रामू, मैं तुझे कितना आभारी हूँ कि तूने मेरे बच्चों की ज़िंदगी बचाई। मैं तुझे एक विशेष उपहार देना चाहती हूँ।"


रामू ने उसे विरोध किया, Short Moral Story in Hindi लेकिन चिड़ीया ने उसे मजबूती से आग्रह किया। तब चिड़ीया ने रामू को एक छोटे से बीज की पोटली दी और कहा, "रामू, इसमें एक खासी अमूल्य बात है। जब तू इसे खोलेगा, तो तू देखेगा कि यह एक दिलचस्प सिख छिपी हुई है।"


रामू ने उस बीज की पोटली को ध्यान से रख लिया और धीरे-धीरे देखते-देखते वह बीज बड़ गया और फिर एक खूबसूरत पेड़ बन गया।

इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि हमेशा ईमानदारी और दयालुता से बर्ताव करने से हम अपने आस-पास के जीवों के प्रति महत्वपूर्ण कृतज्ञता का संकेत देते हैं।

९. बच्चों की मनमोहक कहानी: "सबकी मदद करने वाली चिड़ीया"

Short Moral Story in Hindi बहुत समय पहले की बात है, एक जंगल में एक छोटी सी चिड़ीया रहती थी। वह बहुत ही प्यारी और आदर्शवादी थी। उसका दिल बड़ा ही सदय था और वह हमेशा अपने दोस्तों की मदद करने के लिए तैयार रहती थी।

एक दिन, जब मौसम बहुत खराब था और तेज बारिश हो रही थी, चिड़ीया ने देखा कि एक छोटी सी उंगलियाँ उसके दोस्त बंदर की मदद के लिए उनकी खिड़की के पास आई हुई थी। बंदर अपने घर में अच्छे से सुरक्षित था, लेकिन वो अपने बंदरीया घर से बाहर नहीं निकल सकता था क्योंकि वह बारिश के कारण बहुत डरा हुआ था।

चिड़ीया ने देखकर समझ लिया कि उसके दोस्त की मदद करने का समय आ गया है। उसने अपने पंख खोले और उस बंदर के घर की तरफ उड़ते हुए उसकी मदद की। चिड़ीया ने अपने खुद के पंखों की छाया बंदर के ऊपर डाली, जिससे बंदर सुरक्षित रह सके।

बंदर ने देखा कि उसकी मदद के लिए एक असामान्य दोस्त आया है। उसने चिड़ीया की मदद से बाहर निकल कर खुद को सुरक्षित किया और फिर उन्होंने चिड़ीया का धन्यवाद किया।

चिड़ीया ने बंदर से कहा, "दोस्त, हमें हमेशा अपने दोस्तों की मदद करनी चाहिए, चाहे मौसम ख़राब हो या अच्छा।" moral story in hindi

इसके बाद, बंदर और चिड़ीया ने मिलकर जंगल के अन्य सभी जानवरों की मदद की और उनके बीच दोस्ती और सहायता की भावना को मजबूती दी।

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमें हमेशा अपने दिल की सुननी चाहिए और जब भी कोई मदद की जरूरत हो, तो हमें सहायता करने के लिए तैयार रहना चाहिए।

१०. बंदर और मगरमच्छ की मित्रता

Short Moral Story in Hindi एक बार की बात है, एक जंगल में एक बंदर और एक मगरमच्छ रहते थे। वे दोनों अच्छे दोस्त थे और एक-दूसरे के साथ समय बिताने में बहुत खुश थे।

एक दिन, बंदर और मगरमच्छ ने सोचा कि वे जंगल के दूसरे किनारे की ओर जाएंगे और वहां के दृश्यों का आनंद लेंगे। वे दोस्त बहुत खुश थे क्योंकि उन्हें नए साथी और नए अवसरों की खोज थी।

जंगल के दूसरे किनारे पर पहुँचकर, वे दोनों देखते हैं कि वहां एक बड़ा वृक्ष खड़ा है, जिस पर सबसे बड़ा और सुंदर आम लगा है। उन्होंने उस आम की ओर बढ़ते हुए देखा और देखा कि एक बड़ा और सुंदर मगरमच्छ वृक्ष की ऊपरी डाल पर बैठा है, जिसके आस-पास कई छोटे मगरमच्छ खेल रहे हैं।

बंदर और मगरमच्छ को देखकर वह मगरमच्छ बड़े प्यार से बोला, "आप दोनों का स्वागत है! कैसे हो दोस्तों?"

बंदर और मगरमच्छ बहुत खुश थे क्योंकि उन्हें एक नये दोस्त मिल गया था। वे सब मिलकर आम खाते हैं, खेलते हैं और मिलकर मजे करते हैं।

बस, इसी तरह के खुशियों के दिन चलते गए, परंतु एक दिन आया जब जंगल में बड़ा सूखा आ गया। आम के पेड़ों की पत्तियाँ सूख गई और वनस्पतियों का पानी कम हो गया।

बंदर और मगरमच्छ को अब खाने की समस्या हो गई। वे दिन रात खोज में लग गए, परंतु खाने का कोई स्रोत नहीं मिला। उनकी स्थिति बिगड़ने लगी और दोनों दोस्त परेशान होने लगे।

उन्होंने एक-दूसरे को समझाया कि अब उन्हें एक-दूसरे की मदद करनी होगी। वे मिलकर वनस्पतियों के पास गए और पानी की तलाश में निकले।

उनकी मित्रता, सहयोग और संघर्षशीलता ने उन्हें सफलता दिलाई। वे दोनों मिलकर वनस्पतियों के पास पहुँचे और वनस्पतियों के द्वारा प्रदान किए गए पानी और आहार से उनकी जरूरतें पूरी हुईं।

इस कठिन समय में भी उनकी मित्रता और एक-दूसरे के प्रति समर्पण ने उन्हें साथ मिलकर समस्याओं का समाधान ढूंढने में मदद की।

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि मित्रता में सहयोग, साझा कठिनाइयों का समाधान ढूंढने में मदद कर सकता है। जीवन में हमें एक-दूसरे के साथ सहयोग और समर्पण से आगे बढ़ने की सीख मिलती है।

११. बुद्धिमान खरगोश और स्वार्गीय कछुआ

Short Moral Story in Hindi एक जंगल में एक बुद्धिमान खरगोश रहता था। वह जंगल के सभी जानवरों के साथ दोस्ती करता था और हमेशा सबकी मदद करता था। एक दिन, जब खरगोश अपने दोस्त स्वार्गीय कछुए के पास गया, तो कछुआ उससे बोला, "खरगोश भैया, मुझे भी तुम जैसा तेज दौड़ना सिखाओ।"

खरगोश ने मुस्कराते हुए कहा, "जरूर, कछुए भैया, मैं तुम्हें दौड़ना सिखा दूंगा, लेकिन याद रखो कि तुम्हें जो कुछ भी सिखना होगा, वो संघर्ष और मेहनत से ही मिलेगा।"

खरगोश ने कछुए को दौड़ने की कुछ बेहतरीन टिप्स दीं और उन्होंने मिलकर दौड़ने की प्रैक्टिस की। धीरे-धीरे, कछुआ बहुत तेजी से दौड़ने लगा और खुद को सबित कर दिया कि उसमें भी कुछ करने की क्षमता है।

एक दिन, खरगोश और कछुए ने मिलकर जंगल की दूसरी ओर की तरफ एक प्राकृतिक झील की ओर दौड़ने का फैसला किया। वे दौड़ते दौड़ते झील की तरफ पहुँच गए और वहाँ उन्हें एक प्राचीन और बड़ी सी कछुए की छवि दिखाई दी।

बड़ी सी कछुआ ने उन्हें देखकर पूछा, "बच्चो, तुम यहाँ क्यों आये हो?" moral story in hindi

खरगोश ने उत्साहित होकर कहा, "हम दौड़कर यहाँ आए हैं। हम जानना चाहते हैं कि क्या हम आपकी तरह दौड़ सकते हैं।"

बड़ी सी कछुआ मुस्कराया और बोले, "बेटा, मैं तुम्हें बताता हूँ कि तुम दौड़ने में कितने माहिर हो, लेकिन क्या तुम यह भी जानते हो कि तुम दौड़ने का सही समय कैसे जान सकते हो?"

खरगोश थोड़ी चिंतित हो गया और बोला, "नहीं, मैं इसे कैसे जान सकता हूँ?"

बड़ी सी कछुआ ने समझाया, "बेटा, दौड़ने के लिए समय की महत्वपूर्णता बहुत ज्यादा होती है। कभी-कभी हमें थोड़ी सी धैर्य रखकर पर्याप्त समय देना चाहिए ताकि हम अपनी स्थिति को सही तरीके से समझ सकें और सही समय पर सही कदम उठा सकें।"

खरगोश ने बड़ी सी कछुआ के उपदेश की मान ली और उसने दौड़ने के लिए सही समय पर तैयारी की। उसने सीखा कि समय पर दौड़ने से ही उसे सफलता मिल सकती है।

इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि मेहनत, संघर्ष, और सही समय का पालन करके ही हम सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

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१२. गरीब लड़का और अमीर लड़का की कहानी

Short Moral Story in Hindi बहुत समय पहले की बात है, एक गाँव में एक गरीब लड़का नामकरण रहता था और एक अमीर लड़का नामकरण के पास ही अपने बड़े बंगले में रहता था। दोनों ही लड़के स्कूल जाते थे।

एक दिन, स्कूल से आते समय गरीब लड़का नामकरण के पास गया और उसने उससे कुछ मदद मांगी। नामकरण ने उसे देखकर हँसते हुए कहा, "तू गरीब है, मैं तुझे क्यों मदद करूँ?" इसके बाद वह उसे अनदेखा करके चला गया।

गरीब लड़का थोड़ा ही हिला, पर फिर भी उसने नामकरण से माफी मांगने का निर्णय लिया। उसने सोचा कि वह कभी भी अमीर नहीं हो सकता, पर उसकी आत्मविश्वास और मेहनत से वह कुछ भी पा सकता है।

उसने कई सालों तक मेहनत की और पढ़ाई में ध्यान दिया। उसकी मेहनत और आत्मविश्वास ने उसे एक अच्छे करियर की दिशा में आगे बढ़ने में मदद की।

वहीँ, नामकरण अमीरी में इतना बिना मेहनत करके अन्धाधुंध खो गया कि उसकी पढ़ाई और कैरियर तोतल हो गए। वह उस गरीब लड़के के सामने पहुँचा और माफी मांगने लगा।

गरीब लड़का ने दिल से उसे माफ कर दिया और उसे सिखाया कि अच्छे इंसान बनने के लिए अमीरी की ज़रूरत नहीं होती, बल्कि आत्मविश्वास और मेहनत सबसे महत्वपूर्ण होते हैं।

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमारी सफलता हमारे काम, मेहनत, और आत्मविश्वास पर निर्भर करती है, और हमें किसी की भी मदद करने में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए, चाहे वो गरीब हो या अमीर।

१३. दोस्ती की महत्वपूर्ण सीख

Short Moral Story in Hindi बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गाँव में दो दोस्त रहते थे। उनके नाम रामु और श्यामु थे। वे दोनों हमेशा साथ खेलते, पढ़ते और मिलकर बड़े होने की सपने देखते थे।

एक दिन, रामु और श्यामु की बड़ी लड़ाई हो गई। वे दोनों बहुत गुस्से में थे और एक-दूसरे से दूर चले गए। उनकी मित्रता में दरार आ गई थी।

दिन बितते गए और रामु और श्यामु दोनों एक-दूसरे की यादों से दुखी रहने लगे। वे दोस्ती की मिठास की यादों को भूल गए थे। moral story in hindi

एक दिन, गाँव में एक महोत्सव आयोजित हुआ। रामु और श्यामु ने भी उसे देखने का निश्चय किया। जब वे दोस्ती और मिलने के लिए महोत्सव में पहुँचे, तो उनके दिलों में खुशी का आलंब बढ़ गया।

रामु और श्यामु ने एक-दूसरे के साथ बातचीत करना शुरू किया और उनकी मित्रता की वो पुरानी बातें फिर से याद आने लगी। उन्होंने एक-दूसरे से माफी मांगी और वादा किया कि वे कभी फिर नहीं लड़ेंगे।

उनकी मित्रता की बातों ने उनके दिलों को छू लिया और उन्होंने समझ लिया कि दोस्ती कितनी महत्वपूर्ण होती है। वे फिर से सच्चे दोस्त बन गए और उनकी दोस्ती महोत्सव की महत्वपूर्ण सीख बन गई।

इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि दोस्ती कोई सामान्य चीज नहीं होती, बल्कि यह हमारे जीवन में खुशियों का स्रोत होती है और हमें एक-दूसरे की मदद करने में बड़ी सहायता करती है।

१४. बुद्धिमान खरगोश और सोची सांप

Short Moral Story in Hindi बहुत समय पहले की बात है, एक बड़े ही सुंदर जंगल में एक बुद्धिमान खरगोश रहता था। वह हर दिन जंगल के अन्य जानवरों के साथ खेलता और उनसे मिलकर बहुत अच्छे दिन गुजारता था। उसकी दोस्ती सभी के साथ थी, लेकिन उसका एक सबसे अच्छा दोस्त था जो कि एक सोची सांप था।

खरगोश और सोची सांप की दोस्ती काफी अजीब लग सकती है, परंतु जंगल में यह दिखाने में कोई अजीबी बात नहीं थी। वे दोनों बिलकुल अलग-अलग होते थे, परंतु उनकी सोच में बहुत मिलान होता था।

एक दिन, खरगोश और सोची सांप मिलकर चलने लगे। वे बहुत सारी बातें करते रहे और अपने विचारों को एक-दूसरे के साथ साझा करते रहे। उनकी बातचीत से पता चलता था कि वे दोनों बहुत ही बुद्धिमान और समझदार हैं।

एक दिन, जब खरगोश और सोची सांप जंगल में घूम रहे थे, वे एक गहरे खाई में जा गिरे। वे बहुत कोशिश करने के बावजूद बाहर नहीं निकल पा रहे थे। उनकी मदद के लिए उनके दोस्त भी कुछ कर नहीं सकते थे।

खरगोश ने सोचा, सोची सांप से सलाह लेने का। उसने सोची सांप से पूछा, "क्या करना चाहिए हमें इस स्थिति से बाहर निकलने के लिए?"

सोची सांप ने मुस्कराते हुए उत्तर दिया, "दोस्त, हमें खुद को सिकोड़कर जाना होगा और ताकि हमें खाई की ऊँचाई पर पहुँचने में मदद मिल सके।"

खरगोश ने उसकी सलाह मानी और उन्होंने वैसा ही किया। उसने अपने शरीर को सिकोड़कर जाने का प्रयास किया और अंत में उसने खाई की ऊँचाई पर पहुँचकर बाहर निकल आया।

इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि समस्याओं का समाधान हमारे अंदर ही होता है। हमें कभी भी हालातों के सामने हार नहीं माननी चाहिए, बल्कि हमें उन्हें पार करने के लिए अपनी बुद्धि और सोच का सहारा लेना चाहिए।

इस कहानी का मोरल है: "बुद्धिमानी और सोच से ही कठिनाइयों का समाधान हो सकता है।"

१५. गाय और सियार की मित्रता

Short Moral Story in Hindi बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गांव में एक गाय रहती थी। वह गाय बहुत ही समझदार और दिल से निकली थी। गांव के सभी जानवर उसके साथ खुश रहते थे।

एक दिन, गाय ने गांव के पास एक सियार को देखा। सियार एक पेड़ पर बैठा था और खाने की कोशिश कर रहा था, पर उसे पत्तियाँ तोड़ने में समस्या हो रही थी। गाय ने सियार की मदद करने का फैसला किया।

गाय ने सियार से कहा, "आपको मदद की आवश्यकता है क्या?"

सियार थोड़ी हिचकिचाई, पर फिर उसने स्वीकार किया कि वह मदद चाहता है। गाय ने उसकी मदद की और पत्तियाँ तोड़ने में सियार की सहायता की। सियार ने बड़ी खुशी से पत्तियाँ खाने लगा।

इसके बाद, गाय और सियार की मित्रता मजबूत हो गई। वे रोज़ साथ में खेत में घूमने जाते, मिलकर खेत की देखभाल करते और खुशियों भरी बातें करते।

एक दिन, गाय ने सियार से कहा, "मित्र, हमें हमेशा एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए। क्योंकि मदद करने से हमारी मित्रता और भी मजबूत होती है।"

सियार ने गाय की बात पर सिर झुकाया और उसने कहा, "तुमने सही कहा, मित्र। मदद करने से हमारे दिल में और भी अच्छाई आती है और हम दूसरों के साथ मिलकर एक बेहतर समाज बना सकते हैं।"

इस प्रकार, गाय और सियार की मित्रता ने सबको यह सिखाया कि मित्रों के बीच मदद और सहयोग से हम जीवन को और भी खुशनुमा बना सकते हैं। और इसी तरीके से, उनकी मित्रता ने गांव को एक आपसी सहयोग और समर्थन की मिसाल प्रस्तुत की।

१६. गरीब लड़का और महान दानी

Short Moral Story in Hindi एक गांव में एक गरीब लड़का रहता था। उसके पास कुछ नहीं था, लेकिन उसका दिल बड़ा ही था। वह हमेशा दूसरों की मदद करने में तत्पर रहता था।

एक दिन, गांव में एक महान दानी आया। वह धनी और श्रेष्ठतम व्यक्ति था। गरीब लड़का ने सुना कि महान दानी एक बड़े समर्थ्य कार्य के लिए धनिकों को संकेत कर रहे हैं। गरीब लड़का ने तय किया कि वह भी उस काम में योगदान देगा।

लड़का ने अपने छोटे से बचत के पैसों से थोड़ा सा मदद किया, लेकिन उसका यह योगदान बहुत ही छोटा था। महान दानी ने सभी धनी लोगों के योगदान को समीकरण किया और उसका योगदान बिलकुल छोटा नजर आया।

महान दानी ने सभी का समीकरण करने के बाद एक छोटे से गरीब लड़के को बुलाया और उसकी मदद करने के लिए उसके पास आये। महान दानी ने गरीब लड़के की मदद के लिए अधिक धन दिया और उसकी उम्मीदों को पूरा किया।

इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि किसी की मदद का मानवता में बड़ा महत्व होता है, चाहे आपके पास कितने भी संसाधन क्यों ना हों। गरीब लड़के ने जो थोड़ी सी मदद की, वह अंततः उसकी बड़ी मदद के रूप में वापस आई।

मोरल: दूसरों की मदद करने में छोटी-छोटी प्रक्रियाएँ भी बड़े महत्वपूर्ण होती हैं, और दान करने का मानवता में एक विशेष स्थान होता है।

१७. शेर और खरगोश की मित्रता

Short Moral Story in Hindi एक बार की बात है, एक जंगल में एक शेर और एक खरगोश रहते थे। वे दोनों अच्छे दोस्त बन गए थे। वे रोज़ एक साथ समय बिताते और खेलते थे। लोगों ने उनकी अद्भुत मित्रता की तारीफ की और उन्हें जोड़ने की खूबसूरती को सराहा।

एक दिन, खरगोश ने यह सुना कि शेर उसके साथ खेलने के लिए योजना बना रहा है। खरगोश खुशी से उल्लासित हो गया और वह उसके पास पहुँचा। moral story in hindi

शेर ने खरगोश से कहा, "आज हम दौड़ते हुए खेलेंगे। मैं तुम्हारे पीछे हूँ और तुम्हें पकड़ने की कोशिश करूँगा।"

खरगोश थोड़ी चिंतित था क्योंकि वह जानता था कि उसकी दौड़ने की तेज़ नहीं हो सकती। लेकिन उसने अपनी शक्तियों पर यकीन रखा और खेलने की स्वीकृति दी।

खेल की शुरुआत हो गई और शेर खरगोश को पकड़ने की कोशिश करने लगा। खरगोश बचकर आगे बढ़ गया और शेर उसके पीछे। शेर थोड़ी देर में थक गया और वह थम गया। इस बीच, खरगोश ने जबरदस्त रफ़्तार से दौड़ते हुए जीत हासिल की।

शेर ने हार कर सीख हासिल की कि ताकत आवश्यक है, लेकिन दिमागी कुशलता भी महत्वपूर्ण है। खरगोश ने दिखाया कि दृढ़ संकल्प और मेहनत से हम किसी भी मुश्किल को पार कर सकते हैं।

इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि हमें अपनी कमजोरियों पर विचार करके ही नहीं, बल्कि अपने सामर्थ्यों पर भी विश्वास करना चाहिए। Short Moral Story in Hindi साथ ही, सहायता और मित्रता का महत्व भी हमें यह सिखाता है कि हम एक दूसरे के साथ मिलकर किसी भी मुश्किल को पार कर सकते हैं।


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